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अंकीय विभाजन

• अंकीय विभाजन क्या है?

(What is digital division?)

उत्तर- अंकीय विभाजन का तात्पर्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का आसमान वितरण है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का विवरण पूरे विश्व में असमान है। देशों में विस्तृत आर्थिक, राजनीति और सामाजिक भिन्नताएँ पायी जाती हैं। उन्हीं विभिन्नताओं के कारण कुछ देशों के पास यह प्रौद्योगिकी है और कुछ इससे वंचित हैं। यही अंकीय विभाजन मौजूद है, जैसे रूस और भारत के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच।

• उपग्रह संचार क्या है? उपग्रह संचार के लाभ बताइये।

(What is satellite communication? Write benefits of satellite communication.)

उत्तर- उपग्रह के माध्यम से होने वाले संचार को उपग्रह संचार कहते हैं। संसार में अंतरिक्ष युग का प्रारंभ रूस के द्वारा 4 अक्टूबर, 1957 को कृत्रिम उपग्रह स्पूतनिक के छोड़े जाने के साथ हुआ। इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किए। अंतरिक्ष में उपग्रहों की स्थापना से तत्काल संसार के कोने-कोने से संचार संपर्क बनाने सफलता मिली। उपग्रह के माध्यम से संचार ने संचार तकनीकी के क्षेत्र में एक नवीन युग का आरंभ किया है। 

भारत ने भी अंतरिक्ष में संचार और संसाधनों के सर्वेक्षण के लिए आर्य भट्ट, भास्कर-1 और 2, रोहिणी, एप्पल, इंसेट-1 ए, बी और सी इत्यादि उपग्रह स्थापित किये हैं। इन्हीं के सहारे आज गाओं-गाओं में टेलीफोन लग गए हैं और मोबाइल सेवा उपलब्ध है। इन उपग्रहों ने लंबी दूरी के संचार दूरदर्शन और रेडियो को अत्यधिक प्रभावी बना दिया है। आज दूरदर्शन के माध्यम से घर बैठे दुनियाँ का समाचार प्राप्त करना, विभिन्न ज्ञानवर्धक और मनोरंजन कार्य क्रम देखना तथा मौसम की भविष्यवाणी एक वरदान बन गई है। 

उपग्रह संचार के महत्वपूर्ण लाभ हैं- टेलीफोन और मोबाइल सेवा, दूरदर्शन सेवा और इंटरनेट सेवा।

• फिंच और ट्रीवार्था ने मानव भूगोल की विषयवस्तु को किन दो भागों में बाँटा है? प्रत्येक भाग के दो लक्षण बताइए।

(Which two divisions of the subject matter of human geography have been done by Finch and Trivartha? Describe two features of each of the divisions.)

उत्तर- अमेरिकी भूगोलवेत्ताओं फिंच और ट्रीवार्था ने मानव भूगोल की विषय वस्तु को निम्नलिखित दो मुख्य भागों में बाँटा है–

(1) भौतिक या प्राकृतिक पर्यावरण (Physical or Natural Environment)

(2) सांस्कृतिक या मानव-निर्मित पर्यावरण (Cultural or Human Environment)

भौतिक या प्राकृतिक पर्यावरण के दो लक्षण हैं–

(1) उच्चावच, जलवायु, अपवाह प्रणाली और

(2) मृदा, खनिज, जल, वन एवं वन्य प्राणी जैसे प्राकृतिक संसाधन

इसी प्रकार सांस्कृतिक पर्यावरण के दो लक्षण हैं–

(1) मानव जनसंख्या, बस्तियाँ और मानव व्यवसाय,

(2) कृषि, उद्योग, परिवहन, संचार इत्यादि।

• प्रवास के विकर्षण और आकर्षण कारक क्या हैं?

(What are the push and pull factors of human migration?)

या, प्रवास से संबंधित किन्हीं तीन प्रतिकर्ष कारकों का उल्लेख करें।

(Describe any three push factors related to human migration)

उत्तर- लोगों का अपने जन्म-स्थान और निवास को छोड़कर दूसरे क्षेत्र में जाकर बस जाने मानव प्रवास कहते हैं। मानव प्रवास के विविध कारण हो सकते हैं जिन्हें दो संवर्गों में रखा जा सकता है– 

(1) विकर्षण या प्रतिकर्षण कारक (Push factors) जो लोगों को निवास स्थान अथवा उद्गम को छोड़वाने का कारण बनते हैं और (2) आकर्षण या अपकर्षक कारक (Pull Factor) जो विभिन्न स्थानों से लोगों को आकर्षित करते हैं।

प्रवास से संबंधित तीन महत्वपूर्ण प्रतिकर्ष कारक ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी, कृषि भूमि पर जनसंख्या का अधिक दबाव और मौलिक सुविधाओं की कमी है, जो लोगों को गाँव छोड़ने पर विवश करती हैं।

• चार पंचम क्रियाकलापों का उल्लेख कीजिए।

(Mention four Quinary activities.)

उत्तर- उच्चतर स्तर के निर्णय लेने पर तथा नीतियों का निर्माण  करने वाले पंचम क्रियाकलापों निभाते हैं। इनमें और ज्ञान आधारित उधोगों, जो सामन्यतः चतुर्थ सेक्टर से जुड़ी होती हैं, में सक्षम अंतर होता है।

पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या; आँकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नई प्रौधोगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित होती हैं। प्रायः ‘स्वर्ण कॉलर’ कहे जाने वाले ये व्यसाय तृतीय सेक्टर का एक और उप-विभाग हैं जो वरिष्ठ व्यवसायिक कार्यकारियों, सरकारी अधिकारियों, अनुसंधान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं इत्यादि की विशेष और उच्च वेतन वाली कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्न्त अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में उनका महत्व उनकी संख्या से कहीं अधिक होती है।

• कृषि घनत्व क्या है? (What is agricultural density?)

उत्तर- प्रति वर्ग मील या वर्ग किलोमीटर कृषि क्षेत्र में लगे लोगों की जनसंख्या को कृषि घनत्व कहते हैं। अर्थात् कृषि में लगी जनसंख्या और कुल कृषि क्षेत्र के अनुपात को कृषि घनत्व कहा जाता है। 

कृषि घनत्व = कृषि में संलग्न जनसंख्या/कृषि क्षेत्र

• विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि की किन्हीं चार फसलों के नाम लिखिए। 

( Name any four crops of extensive commercial grain farming.)

उत्तर- विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि के चार फसल निम्नलिखित हैं- (1) कपास (2) चाय (3) जूट (4) कॉफी।

• विस्तृत पैमाने पर डेयरी कृषि का विकास यातायात के साधनों एवं प्रशीतकों के विकास के बाद ही क्यों संभव हो सकता है?

(Why has the large scale development of dairy farming been possible only after the development of the means of transport and refrigeration?) 

उत्तर- डेयरी कृषि के अंतर्गत ताजा दूध एवं अन्य डेयरी उत्पाद मक्खन, पनीर इत्यादि बनाये जाते हैं। इन्हें या तो शीघ्र बाजार तक पहुचाने के लिए यातायात के तीव्र साधन या देर तक रखने के लिए प्रशीतक की आवश्यकता होती है। विस्तृत पैमाने पर इस उधोग का विकास तभी संभव है, जब यातायात के साधन और प्रशीतक उपलब्ध हो। अतः इनकी उपलब्धता के बाद ही डेरी उधोग का बड़े पैमाने पर विकास संभव हो सका है।

• स्थानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है। विवेचना कीजिए।

(The future of shifting cultivation is not good. Discuss.)

उत्तर- स्थानांतरी कृषि आदिम जाति के लोगों द्वारा उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में विशेषकर अफ्रीका, दक्षिणी एवं मध्य अमेरिका के उष्ण कटिबंधीय भाग एवं दक्षिणी-पूर्वी एशिया में की जाती है। वनों को काटना, जलाना और खेत को कुछ समय पश्चात बदलना इसकी विशेषताएँ हैं। इससे वन क्षेत्र कम होता जाता है और पुराने ढंग से खेती करने के कारण उपज भी कम होती है। सभ्यता के विकास के साथ-साथ अब इसके स्थान पर स्थायी कृषि की जाने लगी है, जिसके अंतर्गत खाद्दान्न तथा अन्य फसलें पैदा की जाती है। इस प्रकार स्थानांतरणशील कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है।

• चलवासी पशुचारण और व्यापारिक पशुचारण में अंतर कीजिये।

(Differentiate between nomadic herding and commercial livestock farming.)

उत्तर- चलवासी पशुचारण जीवन-निर्वाह की वह पद्धति है, जिसमें पशुचारक अपने पालतू पशुओं के साथ पानी एवं चारागाह की उपलब्धता के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होते रहते हैं। इसके विपरीत, व्यापारिक पशुपालन में स्थायी फार्म में व्यापारिक पैमाने पर पशुओं को पाला जाता है। चलवासी पशुचारण अनुपजाऊ क्षेत्र में घुम्मकर जातियों तथा खैप, खिरगीज, गुज्जर इत्यादि द्वारा किया जाता है, जबकि व्यापारिक पशुपालन एक व्यवस्थित और पूँजी प्रधान क्रियाकल हैं, जो विकसित देशों, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया आदि में अधिक प्रचलित हैं।

• सामुहिक कृषि का वर्णन करें।

(Explain collective farming.)

उत्तर- सामूहिक कृषि में उत्पादन के साधनों का स्वामित्व संपूर्ण समाज एवं सामुहिक श्रम पर आधारित होता है। सभी कृषक अपने संसाधन जैसे– भूमि, पशुधन एवं श्रम को मिलाकर कृषि कार्य करते हैं। ये अपनी दैनिक अवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए भूमि का छोटा-सा भाग अपने अधिकार में भी रखते हैं। सरकार उत्पादन का वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करती है एवं उत्पादन को सरकार ही निर्धारित मूल्य पर खरीदती है। कृषि का यह प्रकार पूर्व सोवियत संघ में प्रारंभ हुआ था, जहाँ इसको “कोलखहोज” का नाम दिया गया।

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