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बुद्धि क्या है?

• बुद्धि क्या है? बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पस्ट कीजिए। 

(What is intelligence? Distinguish between intelligence and aptitude.)

उत्तर- बुद्धि (Intelligence) : बुद्धि का आशय परिवर्तन को समझने, सविवेक चिंतन करने तथा किसी चुनौती के सामने होने पर उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की व्यापक क्षमता से है। बुद्धि परीक्षणों से व्यक्ति की व्यापक सामान्य संज्ञानात्मक सक्षमता तथा विद्यालयीय शिक्षा से लाभ उठाने की योग्यता का ज्ञान होता है। सामान्यतया कम बुद्धि रखने वाले विद्यार्थियों विद्यालय की परीक्षाओं में उतना अच्छा निष्पादन करने की संभावना नहीं रखते परंतु जीवन के अन्य क्षेत्रों में उनको सफलता प्राप्त हो सकती है।

अभिक्षमता (Aptitude) : अभिक्षमता का अर्थ किसी व्यक्ति के कौशलों के अर्जन के लिए अंतनिर्हित संभाव्यता से है। अभिक्षमता परीक्षणों का उपयोग यह पूर्वकथन करने में किया जाता है कि व्यक्ति उपयुक्त पर्यावरण और प्रशिक्षण प्रदान करने पर कैसा निष्पादन कर सकेगा। एक उच्च यांत्रिक अभिक्षमता वाला व्यक्ति उपयुक्त प्रशिक्षण का अधिक लाभ उठाकर एक अभियंता के रूप में अच्छा कार्य कर सकता है। इसी प्रकार भाषा की उच्च अभिक्षमता वाले एक व्यक्ति को प्रशिक्षण देकर एक अच्छा लेखक बनाया जा सकता है।

• “अभिक्षमता” क्या है? (What do you mean by aptitude?) Or, अभिक्षमता के स्वरूप का वर्णन करें?

(Write the nature of aptitude.)

उत्तर- अभिक्षमता का तात्पर्य किसी व्यक्ति की कुछ विशिष्ट कौशलों को अर्जित करने की संभाव्यता से होता है। अभिक्षमता विशेषताओं का ऐसा संयोजन है जो व्यक्ति द्वारा परीक्षण के उपरान्त किसी विशेष क्षेत्र के ज्ञान अथवा कौशल के अर्जन की क्षमता को प्रदर्शित करता है। समान बुद्धि रखने वाला व्यक्ति भी किसी विशेष क्षेत्र के ज्ञान अथवा कौशल को भिन्न-भिन्न दक्षता के साथ अर्जित करते हैं।

• “स्व” से आपका क्या तात्पर्य है? (What is self?)

उत्तर- व्यक्ति अपने शरीर, विचारों एवं भावों के प्रति संसार की अन्य वस्तुओं की तरह ही प्रतिक्रिया करता है। इसके कारण व्यक्ति में ‘स्व’ विकसित होता है। युंग (1960) के अनुसार, “स्व की परिभाषा हम इस प्रकार कर सकते हैं या जैसा कि वह अन्तः क्रिया के सन्दर्भ में अपने आप को देखता या जानता है, वही उसका ‘स्व’ है।” इसी प्रकार क्रेच एवं क्रेचफील्ड ने लिखा है, “व्यक्ति जिस रूप में आने आप को देखता है वही उसका स्व है।” इस प्रकार कहा जा सकता है कि स्व का अर्थ प्रत्यक्षीकरण या अभिवृत्तियों से है, जो व्यक्ति अपने ही सम्बन्ध में रखता है।

• सांवेगिक रूप से बुद्धिमान व्यक्तियों की विशेषताएँ बतलाएँ।

(Discuss the characteristics on emotionally intelligent persons.)

उत्तर- सांवेगिक रूप से बुद्धिमान व्यक्तियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं–

(1) ऐसे व्यक्ति दूसरों के भावों (feelings) तथा संवेगों का ठीक से प्रत्यक्षण करते हैं तथा उनके प्रति संवेदनशीलता दिखलाते हैं।

(2) ऐसे व्यक्ति दूसरों के संवेगों की तीव्रता एवं स्वरूप के संभावित प्रभाव का प्रत्यक्षण ठीक ढंग से करते हैं। 

(3) ऐसे व्यक्ति दूसरों के शारीरिक भाषा, आवाज एवं आनन-अभिव्यक्तियों (facial expressions) के आधार पर दूसरों में होनेवाले संवेगों की उत्तम पहचान कर लेते हैं।

(4) ऐसे व्यक्ति दूसरों के संवेगों एवं चिंतनों में उत्तम सम्बन्ध स्थापित कर लेते हैं।

(5) ये दूसरों के साथ अंतःक्रिया करते समय अपने संवेगों की अभिव्यक्ति, नियमन एवं उनके नियंत्रण पर पूरा-पूरा ध्यान देते हैं। 

(6) ऐसे व्यक्ति अपने संवेगों, भावों एवं अभिप्रेरकों का सही आकलन करते हैं।

• बुद्धि-परीक्षणों की किन्हीं दो उपयोगिताओं का वर्णन करें।

(Discuss any two uses of intelligence test.)

उत्तर- बुद्धि परीक्षण की दो उपयोगिताएँ निम्नलिखित हैं :

(1) श्रेणीकारण के लिए (For grading) : बुद्धि परीक्षण का महत्व बच्चों के श्रेणीकरण में देखा जाता है। बुद्धि-परीक्षणों का व्यवहार कर के बच्चों को औसत, मानसिक दुर्बलता तथा प्रतिभाशाली तीन श्रेणीयों में विभाजित किया जा सकता है। इस श्रेणीकरण से भिन्न-भिन्न बौद्धिक स्तरों के बालकों की शिक्षा व्यवस्था में बड़ी मदद मिलती है।

(2) शैक्षिक निर्देशन के लिए (For Educational Guidance) : बुद्धि परीक्षण से शैक्षिक निर्देशन सहायता मिलती है। भिन्न-भिन्न बौद्धिक योग्यता के बालकों के लिए शिक्षा की अलग-अलग व्यवस्था आवयश्यक होती है। अतः बुद्धि मापकों या परीक्षणों द्वारा बच्चों की बुद्धि की जाँच करके अनुकूल शिक्षा की व्यवस्था की जा सकती है।

• बुद्धि के वाचिक परीक्षण की तीन सीमाएँ बताएँ।

(Describe Varbal test of intelligence measurement.)

उत्तर- वाचिक बुद्धि परीक्षण की तीन सीमाएँ निम्नलिखित हैं–

(1) आशिक्षित तथा शिशुओं आ मापन असम्भव : चूंकि इन परीक्षणों में भाषा का प्रयोग किया जाता है अतः अशिक्षित एवं शिशुओं की बुद्धि का मापन सम्भव नहीं हो पाता है।

(2) यह परीक्षण संस्कृतिबद्ध होता है : वाचिक परीक्षण का प्रयोग एक विशेष संस्कृति तक ही सीमित होता है।

(3) मूर्त-बुद्धि का समुचित मापन सम्भव नहीं : वाचिक परीक्षण द्वरा मूर्त-बुद्धि का समुचित मापन सम्भव नहीं हो पाता है।

• बुद्धि के प्रमुख प्रकारों का वर्णन करें।

(Describe the main type of intelligence test.)

उत्तर- थार्नडाइक ने बुद्धि के प्रकार को तीन वर्गों में विभाजित किया है जो इस प्रकार है–

(1) प्रत्यक्ष बुद्धि : इस बुद्धि द्वारा व्यक्ति को वस्तुओं एवं पदार्थों को पूर्णतः समझने की शक्ति प्राप्त होती है। इससे रचनात्मक शक्तियों की उत्पत्ति होती है

(2) अप्रत्यक्ष बुद्धि : इस बुद्धि का सम्बन्ध ज्ञान प्राप्त करने से होती है। इसके अन्तर्गत चिन्हों एवं प्रतीकों का अध्ययन, पुस्तकीय ज्ञान आता है।

(3) सामान्य बुद्धि : यह बुद्धि प्राणी को समाज के अनुरूप समायोजित होने की क्षमता प्रदान करता है। इस बुद्धि द्वारा प्राणी सामाजिक एवं सामुदायिक कार्यों को भली-भाँति करने में सक्षम हो पाता है।

• बुद्धि तथा संस्कृति के बीच सम्बन्ध की विवेचना करें।

(Discuss the relationship between intelligence and culture.) Or, भारतीय संस्कृति में बुद्धि के स्वरूप लिखें।

उत्तर- बुद्धि की प्रमुख विशेषता यह है कि वह पर्यावरण से अनुकूलित होने से व्यक्ति की सहायता करती है तथा संस्कृतिक वह सामाजिक सन्दर्भ प्रदान करती है जिसमें व्यक्ति निवास करता है, और विकास की ओर उन्मुख होता है।

बुद्धि के सन्दर्भ में किये गए पूर्व अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता है कि संस्कृति रीति-रिवाजों, मूल्यों व विश्वासों, अभिवृत्तियों, कलाओं एवं साहित्य में उपलब्धियों की एक सामूहिक व्यवस्था सदैव कार्यशील होती है। किसी व्यक्ति की बुद्धि परिवर्तित करने एवं उसको बुद्धि हेतु प्रभावित करने में ये संस्कृती तत्व सम्मिलित रहते हैं।

बौद्धिक योग्यता पर सांस्कृतिक कारकों पर प्रभाव के सम्बन्ध में किये गए अध्ययनों से स्पष्ट है कि देहाती बच्चों की अपेक्षा शहरी बच्चे अधिक अंक प्राप्त करते हैं क्लाइनबर्ग (1966) के अनुसार शहर का वातावरण देहाती वातावरण की अपेक्षा अधिक उत्तेजक होता है, जिसके कारण बुद्धि के विकास में तेजी आती है। इस सम्बन्ध में प्रजाति-भिन्नता का भी अध्ययन किया गया, परन्तु कोई सामान्य निष्कर्ष प्राप्त नहीं किया जा सका। कैसरजहाँ (1982) ने सामाजिक-आर्थिक स्थिति के अध्ययन में यह पाया कि निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले छात्रों की अपेक्षा उच्च सामाजिक-आर्थिक स्थिति के छात्रों का बौद्धिक स्तर उच्च था। तामस (1983) तथा मिलग्राम (1988) ने भी समान निष्कर्ष प्राप्त किए।

• सांवेगिक बुद्धि को परिभाषित करें। इसके प्रमुख तत्त्वों का वर्णन करें। (What is emotional intelligence? Describe it’s major components or elements.) Or, सांवेगिक बुद्धि (E.Q) से आप क्या समझते हैं? इसके संघटकों का वर्णन करें।

उत्तर- सांवेगिक बुद्धि में अपनी तथा दूसरों  की भावनाओं और संवेगों को जानने तथा नियंत्रित करने, स्वयं को अभिप्रेरित करने तथा अपने आवेगों को नियंत्रित रखने तथा अंतर्वैयक्तिक संबंधों को प्रभावी ढंग से प्रबंध करने की योग्यताएँ सम्मिलित होती है।

संवेगात्मक बुद्धि से संघटक : गोलमैन ने संवेगात्मक बुद्धि के पाँच संघटकों का उल्लेख किया है, जो निम्नलिखित है : 

(1) अपने संवेगों की जानकारी : संवेगात्मक बुद्धि का एक प्रमुख घटक यह है कि व्यक्ति को अपने संवेगों की जानकारी हो। कुछ लोग अपने क्रोध, भय, घृणा, प्रेम आदि संवेगों की पहचान रखते हैं, जबकि कुछ ऐसे नहीं होते हैं। 

(2) अपने संवेगों का प्रबन्ध : इसका अर्थ है अपने संवेगों के स्वरूप , तीव्रता या अभिव्यक्ति को समन्वित करना। यह संघटक अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने तथा दूसरे के साथ प्रभावी रूप से परस्पर क्रिया करने के लिए बहुत आवयश्यक है।

(3) अपने आप को प्रेरित करना : सांवेगिक बुद्धि की पहचान यह है कि व्यक्ति कठिन कार्य के लिए अपने आप को प्रेरित करता हो, लम्बे समय तक कार्य करता हो तथा अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आशावादी तथा उत्साहपूर्ण हो।

(4) दूसरों के संवेगों को प्रभावित करना : जो व्यक्ति संवेगात्मक रूप से बुद्धिमान होता है, वह दूसरों के संवेगों को पहचानता है और समझता है कि वे वर्तमान परिस्थिति में किस तरह के संवेग का अनुभव कर रहे हैं। व्यावहारिक रूप से यह बहुत आवश्यक है। 

(5) सम्बन्ध निभाना : कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो दूसरे लोगों के साथ व्यक्तिगत सम्बन्धों को समुचित रूप से निभाने में सफल होते हैं। ऐसे लोगों में बुद्धि अधिक होती है। इस प्रकार स्पष्ट हुआ कि संवेगात्मक बुद्धि में कई घटक हैं और इसका स्वरूप जटिल है।

• वैयक्तिक तथा समूह बुद्धि परीक्षा में क्या अन्तर है? (Distinguish between individual and group intelligence test?)

उत्तर- वैयक्तिक तथा समूह बुद्धि परीक्षण में निम्नलिखित अन्तर है–

वैयक्तिक बुद्धि परीक्षण वह परीक्षण होता है जिसके द्वारा एक समय में एक ही व्यक्ति का बुद्धि परीक्षण किया जा सकता है। समूह बुद्धि परीक्षण को एक साथ बहुत से व्यक्तियों को समूह में दिया जा सकता है।

• वैयक्तिक परीक्षण में आवयश्यक होता है कि परीक्षणकर्ता परीक्षार्थी से सौहार्द स्थापित करे और परीक्षण सत्र के समय उसकी भावनाओं, भावदशाओं और अभिव्यक्तियों के प्रति संवेदनशील रहे। समूह परीक्षण में परिक्षणकर्ता को परीक्षार्थियों की निजी भावनाओं से परिचित होने का अवसर नहीं मिलता।

• वैयक्तिक परीक्षणों में परीक्षार्थी पूछे गए प्रश्नों का मौखिक अथवा लिखित रूप में भी उत्तर दे सकता है अथवा परीक्षणकर्ता के आदेशानुसार वस्तुओं का प्रहस्तन भी कर सकता है। समूह परीक्षण में परीक्षार्थी सामान्यतः लिखित उत्तर देता है और प्रश्न भी प्रायः बहुविकल्पी स्वरूप के होते हैं।

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